tag:blogger.com,1999:blog-8988204161220572200.post8611225393440063808..comments2023-06-28T06:07:26.563-07:00Comments on पुलिया से ब्लागिंग तक...: क्या हैं हमारी असल सोच...Diptihttp://www.blogger.com/profile/18360887128584911771noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8988204161220572200.post-34633936351253612402009-12-26T14:01:06.020-08:002009-12-26T14:01:06.020-08:00अपने विवेक से जो बेहतर लगे आज के समाज में वो ही सह...अपने विवेक से जो बेहतर लगे आज के समाज में वो ही सही. <br /><br />बच्चे अगर चाहते हैं कि माँ बाप खोज दें तो सही..वो खोज कर ले आयें तो भी सही.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8988204161220572200.post-36761543710708956682009-12-26T06:20:58.626-08:002009-12-26T06:20:58.626-08:00मैं अन्तर सोहिल जी से पूरी तरह सहमत हूँ। अच्छी वोच...मैं अन्तर सोहिल जी से पूरी तरह सहमत हूँ। अच्छी वोचारोतेजक पोस्ट है धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8988204161220572200.post-70623803162083544912009-12-26T05:56:34.163-08:002009-12-26T05:56:34.163-08:00गलत या सही का कोई माप तौल नहीं होता .हमारे मेडिकल ...गलत या सही का कोई माप तौल नहीं होता .हमारे मेडिकल कोलेजो में सिक्सटी प्रतिशत लव मेरिज होती रही है ओर आज सभी खुश है .उस वक़्त लडकिया यही तर्क देती है के किसी अनजाने से तो जाना पहचाना अच्छा ..उनकी सोच अपनी जगह ठीक है.........दरअसल वक़्त .हालात....परिवार .एडुकेशन ..सब मायने रखती है .....अगर प्यार करने वाले दो मेच्युर पर्सन है ...indipendent है तो कोई बुराई नहीं है .<br />अरेंज मेरिज का अपना कांसेप्ट है ..वहां दो परिवार जुड़ते है ...हर चीज ओर हर सोच की अपनी एक स्टेज होती है ..उम्र के एक दौर पे ...आपकी सोच जुदा होती है एक दौर पे जुदा ..... .अरेंज मेरिज के अपने नफे नुकसान है ....वहां सुरक्षा ज्यादा है...परिवारों के बीच ताल मेल एक उम्र में रिश्तो को गरिमा देता है ....भारत का अधिकतर समाज इसी बात पे टिका है शायद इसलिए अभी भी रिश्ते या परिवार की वेल्यु यहाँ ज्यादा है ..दूसरे विकसित देशो की अपेक्षातलाक दर काफी कम है <br />महत्वपूर्ण बात है के अरेंज हो या लव मेरिज ...लड़की ओर लड़के को खुश रहना चाहिए ...डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8988204161220572200.post-87010678070365838282009-12-26T03:59:51.851-08:002009-12-26T03:59:51.851-08:00सचमुच सही और गलत की कोई परिभाषा नही होती।
समय, परि...सचमुच सही और गलत की कोई परिभाषा नही होती।<br />समय, परिस्थिति, समाज और स्थान के कारण सही और गलत के मायने बदल जाते हैं। <br />जो कल सही था वो आज गलत हो सकता है और जो आज गलत है वही कल सही साबित हो जाता है। <br />जैसे कुछ समय पहले तक भारत में बाल-विवाह सही होता था पर आज नहीं <br /><br />प्रणाम स्वीकार करेंअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.com