tag:blogger.com,1999:blog-8988204161220572200.post2177844289016900176..comments2023-06-28T06:07:26.563-07:00Comments on पुलिया से ब्लागिंग तक...: मेरा एक तरफा होना ग़लत था...Diptihttp://www.blogger.com/profile/18360887128584911771noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8988204161220572200.post-91722643681967826742009-11-29T17:45:29.330-08:002009-11-29T17:45:29.330-08:00आपका कहना सही है..ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है!पर...आपका कहना सही है..ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है!पर जान बूझ कर बेवफाई करना और धोखा देना गलत बात है..!RAJNISH PARIHARhttps://www.blogger.com/profile/07508458991873192568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8988204161220572200.post-90375934630867557302009-11-28T05:34:06.836-08:002009-11-28T05:34:06.836-08:00पुरुष का तो ये हर जगह ये हाल है अगर घर मे कोई ब्च्...पुरुष का तो ये हर जगह ये हाल है अगर घर मे कोई ब्च्चा अच्छा निकला तो पिता पर गया है अगर कोई बुरा है तो माँ ने बिगाडा। बात की तह तक वो जाना ही नहीं चाहते। कोई बहस फिज़ूल है बहस मे संतुलन होना चाहिये । औरत तो चाहे मान ले अपनी गलती मगर पुरुष कभी नहीं। अगर हैं भी मनने वाले तो आटे मे नमक जैसे। अच्छा आलेख है शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8988204161220572200.post-27332996338273567972009-11-28T05:17:21.906-08:002009-11-28T05:17:21.906-08:00आज के समय का सबसे संवेदनशील मुद्दा ...
आपने संतुलि...आज के समय का सबसे संवेदनशील मुद्दा ...<br />आपने संतुलित रूप में अपनी बात रखी ...समाज को अपना नजरिया बदलना होगा और युवाओं को भी ..<br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.com