tag:blogger.com,1999:blog-8988204161220572200.post3245097149884515464..comments2023-06-28T06:07:26.563-07:00Comments on पुलिया से ब्लागिंग तक...: अति सर्वत्र वर्जयेतDiptihttp://www.blogger.com/profile/18360887128584911771noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8988204161220572200.post-51504553551745269922010-03-04T03:06:09.257-08:002010-03-04T03:06:09.257-08:00उससे पूछा होता कि - "क्या अपने घर में भी ऐसे ...उससे पूछा होता कि - "क्या अपने घर में भी ऐसे ही थूकते हो"<br />हमें भी पढे-लिखे, ग्रैज्युएट और डिग्रीधारियों में ज्यादा असभ्यता दिखती है जी<br />शायद हमारी शिक्षा पद्धति ही ऐसी है कि चरित्र निर्माण और व्यवहारिक ज्ञान की बजाय केवल परिक्षा में अधिकतम अंक लाने पर ही जोर दिया जाता है। <br /><br />प्रणाम स्वीकार करेंअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8988204161220572200.post-8859824794800549962010-03-04T02:45:40.584-08:002010-03-04T02:45:40.584-08:00आपके जीवन में आगे बहुत दुःख है .इस आदत को सुधार ल...आपके जीवन में आगे बहुत दुःख है .इस आदत को सुधार लीजिये .हम तो रोज लोगो को ट्रेफिक सेन्स में नोबेल प्राइज़ लेते देखते है ...केवल हिंदुस्तान ही एक ऐसा देश है जहाँ बिना सेन्स के आप पूरी जिंदगी बसर कर सकतेहैडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.com