कभी पुलिया पर बैठे किचकिच करते थे... अब कम्प्यूटर पर बैठे ब्लागिंग करते हैं...
Wednesday, September 16, 2009
पढ़ना ज़रूरी है...
इंटरनेट की दुनिया में घूमते हुए आज एक ऐसी रिपोर्ट देखी जिसे देखकर लगाकि मेरी दुखती रग पर किसी ने हाथ रख दिया। अमेरिकन पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेस के चैनल NOW की वेबसाइट पर बेनिफ़िट्स डिनाईड के नाम से एक रिपोर्ट मौजूद है। एक साल पहले की आधे घंटे की ये रिपोर्ट अमेरिका के सर्विस सेक्टर में फ़्री लान्सर के रूप में काम कर रहे लोगों के अधिकार के बारे में बात करती हैं। इस रिपोर्ट का सार है कि कैसे फ़्री लान्सर के रूप में या फिर कॉन्ट्रेक्ट के रूप में लोगों से काम करवाया जा रहा है। ये काम उतना ही होता है जितना कि संस्था का कोई कर्मचारी करता होगा लेकिन, क्योंकि ये फ़्री लान्सर के रूप में काम करते हैं इसलिए उन्हें सुविधाओं से वचिंत रखा जाता है। हमारे देश का हाल भी कुछ ऐसा ही है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल अमेरिकन पत्रकारों का ज़्यादा है। जैसा कि हमारे देश में भी है। हमारे देश में यही सूरते हाल हैं। मीडिया में काम करनेवालों को न तो किसी तरह का हेल्थ कवर मिलता है और न ही कोई और सुविधा। जहाँ कर्मचारियों को समय पर तनख्वाह न मिलती हो वहाँ इन सब की बात ही बेमानी है। जितनी भी लिखा पढ़ी होती है वो पूरी तरह से संस्था के हक़ की होती है। आप भी ज़रूर देखे इस रिपोर्ट को जाने कि क्या है हमारे हक़ और कहाँ खड़े है हम...
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4 comments:
देखते हैं. आभार इस लिंक के लिए.
बहुत खूब जानकारी दी है आपने सोचते हैं हम कहां
शुक्रिया दीप्ती,
आप के कड़वे टिपण्णी के लिए. खैर जानकार अच्छा लगा की आप भी परसाईजी की फैन हैं. बल्कि आप तो उसी माटी की हैं. लिखती भी अच्छा है. मेरी हिंदी बस काम चलाऊ है. न तो मैं कोई नासीख या शायर हूँ न होने का दावा करता हूँ. बस जी में जो आया बक दिया.
ACHEE JAANKAARI HAI ....
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