कभी पुलिया पर बैठे किचकिच करते थे... अब कम्प्यूटर पर बैठे ब्लागिंग करते हैं...
Tuesday, June 30, 2009
हड्डियों का ढांचा...
माइकल जैक्सन की मौत की बाद उसके बारे में बाहर आ रही ख़बरें चौंकानेवाली हैं। माइकल जैक्सन गंजे थे या फिर दवाइयों पर ज़िंदा थे बात कोई बड़ी नहीं लेकिन, ये कि वो ऑक्सीज टेंट में सोते थे या फिर उनकी नाक गायब हो चुकी थी या फिर कि सीने को दबाने बस से उनकी पसलियां टूट गई आश्चर्यजनक बातें हैं। एक इतना सफ़ल इंसान इतना कमज़ोर कैसे हो सकता है। हमेशा से ये माना जाता है कि एक गरीब जिसके पास खाने को पैसा ना हो वो भूख से हड्डियों का ढांचा बन जाता है। लेकिन, एक अरबपति इंसान जिसके क़दमों में सफ़लता पड़ी रहती थी और पुरी दुनिया जिसे चाहती थी उसकी ये हालत कैसे हो सकती है। माइकल जैक्सन को स्कीन का कैंसर हो गया था। अपनी नाक को सुडौल और सुडौल बनाने के चक्कर में वो गायब ही कर बैठे थे। सच में सुन्दर दिखने की चाहत इंसान को कहीं का नहीं छोड़ती। कोई आखिर एक बार माइकल से पूछता कि भाई मेरे आवाज़ को चेहरे से क्यों जोड़ते हो। क्या पंडित भीमसेन जोशी ने ये कभी सोचा होगा कि मैं दिखता कैसा हूँ। मैं तो बचपन से लेकर आजतक लता मंगेशकर को बड़े से बड़े समारोह में सिर में तेल चुपड़े दो चोटी किए देख रही हूँ। क्या इससे उनकी गायकी पर कोई असर पड़ा या क्या हमारी चाहत कभी कम हुई। दरअसल पाश्चात्य में शायद ऊपरी आवरण ही सबकुछ है। जो सुन्दर नहीं वो किसी काम का नहीं और समस्या ये है कि अब हम भी इसे अपनाते जा रहे है। आम जनता के बीच लोकप्रिय हो रही प्लास्टिक सर्जरी इसी का उदाहरण है। फ़ेयरनेस क्रीम की बिक्री और किशोरों में जिम और डाइडिंग का बढ़ाता क्रैज़ भी यही बताता है। आज हर चीज़ की पैकेजिंग होती है। हरेक को सुन्दर बनाया जाता है फिर वो कोई भी क्यों न हो। लेकिन, ये सुन्दर पैकेजिंग हमें अंदर से कैसे तिल-तिलकर ख़त्म कर देती है इसका उदाहरण है माइकल जैक्सन। ऐसा नहीं है कि हम भारतीय स्वस्थ और सुन्दर नहीं होते या रहना नहीं चाहते। लेकिन, हमारे तरीक़े अलग है ऐसे है जो हमें ख़त्म नहीं करते हैं। योग इसी का उदाहरण है। ये आपको नुक्सान नहीं पहुंचाता। ऐसी ही होम्योपैथी जोकि केवल आपके मर्ज़ को ख़त्म करती हैं न की आपको। मुझे लगता है माइकल जैक्सन मरने के बाद हर उस युवा का आदर्श बन चुकें हैं जो कि सुन्दर और सुडौल होना चाहता है। एक ऐसा आदर्श जो कहता है कि मेरी तरह मत होना, जो मैंने किया वो ग़लती से भी मत दोहराना...
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1 comment:
बिल्कुल सही बात कही है.
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