Monday, June 22, 2009

सीटी बजाते लोग...

आप सभी ने सड़क किनारे सीटी बजाते हुए लड़कों को देखा होगा। मोहल्ले की पुलिया पर बैठे हुए इन लड़कों को हर कोई लफंगा और लोफर कहकर पुकारता है। ऐसे में शायद किसी ने ये कभी नहीं सोचा होगा कि यही सीटी एक कला का रूप भी हो सकती है। जी हाँ, सीटी बजाना भी एक कला है और हमारे बीच ऐसे कुछ लोग मौजूद भी हैं जो इसे कला के रूप में विकसित करने में जुटे हुए हैं। ये सभी तरह-तरह से सीटी बजाना सीख रहे हैं। इन सभी ने मिलकर एक association की स्थापना भी की है जिसमें ऐसे लोग शामिल है जिन्हें सीटी बजाने का शौक़ हैं। indian whistler's association इनकी इस संस्था का नाम हैं। ये सभी पूरे देश में फैले हुए है और हर महीने अपनी बैठके करते हैं। एक जगह इकठ्ठा होकर ये सभी सीटी बजाने के नए तरीक़े, कैसे इसे और बेहतर किया जाए इन सब मुद्दों पर विचार करते हैं। चार साल पहले गठित ये association कई जगह अपनी इस कला का प्रदर्शन भी कर चुकी हैं। इन लोगों का नाम लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल हो चुका हैं। internet पर एक community group के रूप में शुरु हुई ये संस्था दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। अगर आप भी चाहे तो इस संस्था के सदस्य बन सकते हैं। अगर आप इस संस्था के बारे में ज़्यादा जानना चाहते हैं तो लोकसभा टीवी पर मंगलवार रात साढ़े आठ बजे सुर्खि़यों से परे देखें...

2 comments:

Science Bloggers Association said...

वैसे कोशिश तो कई बार की, पर सीटी बजाने में सफल नहीं हुआ, वर्ना इस असोिएसशन की सदस्यता अवश्य लेता।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

प्रकाश गोविंद said...

मै खुद बहुत अच्छी सीटी बजा सकता हूँ .... यहाँ संभव नहीं है वरना मैं आपको बताता कि सीटी बजाने के कई रूप हैं ... लडकी छेड़ने वाली सीटी ... दूर खड़े किसी व्यक्ति का ध्यान खींचने वाली सीटी ... कई पंछियों की आवाजें ... या किसी गाने की धुन ..... वस्तुतः सीटी बजाना निःसंदेह एक कला ही है ! रात की तन्हाई में सीटी से गाने की धुन बहुत प्यारी लगती है !


कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें ! इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक
परेशानी होती है !

तरीका :-
डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स


आज की आवाज