कभी पुलिया पर बैठे किचकिच करते थे... अब कम्प्यूटर पर बैठे ब्लागिंग करते हैं...
Wednesday, February 2, 2011
मिसेज तेन्दुलकर
टीवी पर आनेवाले आधे ये ज़्यादा धारावाहिकों में महिलाओं को आग लगाऊं और कुटिल बुद्धि दिखाया जाता था। महिलाओं का दबदबा इतना ज़्यादा कि कुटिल महिला से लड़ने के लिए भी महिला ही सामने आती थी। खैर, इस बीच दौर आया प्रतियोगिताओं का। कही नाचना तो कही गाना। और, अब बारी है रीयलिटी टीवी की। हरेक चैनल ऐसे शो की भरमार है। इसी बीच स्टार ने अपने चैनल का लुक ही महिलाओं के हिसाब से कर दिया। चैनल कितना महिलाओं के प्रति संजीदा और कितना टीआरपी के प्रति इसके बारे में मुझे शक़ है। चैनल पर शुरु हुआ नया रीयलिटी शो- वाइफ़ बिना लाइफ़। इस शो में पत्नी जाती है छुट्टी पर और पति संभालते हैं घर और बच्चों को। पूरे तौर पर व्यवसायिक इस शो के लिए ऐसे भावुक एड तैयार किए गए हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि वाह, इन्हें कितनी फ़्रिक है महिलाओं की। वही इसके पलट सब पर शुरु हुआ नया कार्यक्रम मिसेज तेन्दुलकर मुझे बेहतर लगा। इस कार्यक्रम में एक पति अपनी पत्नी की खुशी और उसके करियर को ख़ुद से ज़्यादा अहमियत देता हैं। सब कुछ छोड़कर वो घर और बच्चों की ज़िम्मेदारी उठाने की ठानता है। लोगों का ऐसी बातों पर हंसना और आश्चर्य चकित होना सामान्य है। सीरियल को शुरु हुए दो दिन हुए हैं और इसकी शुरुआत मुझे भायी है। वजह कॉन्सेप्ट से ज़्यादा हैट्स ऑफ़ प्रोडक्शन और देवेन भोजानी है। दोनों का कॉम्बीनेशन कमाल है। सब पर ही आनेवाला दूसरा हिट सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा मुझे पसंद तो हैं लेकिन, उसमें भारतीय नारी के प्रोजेक्शन से मुझे कभी कभी चिढ़ होती हैं। दया का अपने पति को टप्पू के पापा कहना मुझे हमेशा अखरता है। खैर, इसी पर आनेवाला सजन रे झूठ मत बोलो और एफ़आईआर भी मुझे पसंद है। ये चैनल एक ऐसा चैनल है जो अकेले रहनेवालों के लिए बहुत बड़ा सहारा है। आप आराम से टीवी चलाकर अपने काम कर सकते हैं। ये आपको अहसास करवाता रहता हैं कि कही कोई मेला लगा है। मिसेज तेन्दुलकर पुरुषों की दबानेवाली और महिलाओं की एजी ओजीवाली सोच को बदल पाएगा इस बात पर तो शक़ है। लेकिन, मुझे हंसाने में ये ज़रूर कामयाब होगा...
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